जाऊ बार बार बलिहारी मेरे रमण बिहारी की

है सबसे शोभा न्यारी रमन बिहारी की,
जाऊ बार बार बलिहारी मेरे रमण बिहारी की,

मुस्काए मुरली बजाये गुलाबी अधरों से,
कस कस तीर चलाये नशीली नजरो से,
गुंगराली,अलके,नागनी सी लटकारी की,
जाऊ बार बार बलिहारी।।

नख से सिख तक सिंगार जडाऊ गहने है,
कशानी बूटी दार पीताम्बर पहने है,
सिर साजे एडी पाग नैन सुखकारी की,
जाऊ बार बार बलिहारी।।

तुम्हे साधन कर अपनाऊ ये मेरे हाथ नही,
तुम्ही पराणो के परान यह झूठी बात नही,
तुम स्वामी और मैं दासी भानु दुलारी की,
जाऊ बार बार बलिहारी।।

रहे रमण ही हिरदय मे तिहरा सदा ये मन चाहए,
दिर्ड सम्बन्ध आप से बन जाये,
करदो अबिलाषा पूरण दीन भिखारी की,
जाऊ बार बार बलिहारी।।

Jau Baar Baar Balihaari
Mere Banke Bihari Ki
Rasiya Soniya Ho
Hai Sabse Nyari Raman Bihari Ki
Jau Baar Baar Balihaari
Mere Banke Bihari Ki

Muskaye Murali Bajaye Gulabi Adhro
Kas Kas Teer Chalaye Nasheeli Nazaro Se

Ghugharane Alke Nagin Lat Kaare Ki
Jau Baar Baar Balihaari
Mere Raman Bihari Ki

Hai Sabse Nyari Raman Bihari Ki
Jau Baar Baar Balihaari
Mere Banke Bihari Ki

Jau Baar Baar Balihaari
Mere Raman Bihari Ki

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