चाँद जैसे चौथ का मेरा बालमा

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चाँद जैसे चौथ का मेरा बालमा
चाँद से भी है प्यारा मेरा साजना

मैंने उपवास रखा पिया के लिए
जो जिया है मेरा उस जिया के लिए
मेरा सिंदूर ये मुस्कुराता रहे
बुज भी जाउ मैं ये जगमगाता रहे
चाँद जैसे चौथ का मेरा बालमा

चूड़ीया मेरी खंन खन खनकती रहे
तेरे होठो पे खुशियाँ बिखर ती रहे
अपनी किस्मत पे मैं इतराती रहू
प्यार से मैं पिया के सवरती रहू
चाँद जैसे चौथ का मेरा बालमा

जब तलक अपने साजन के आंगन रहू
आखिरी साँसे तक मैं सुहागन रहू
मुस्कुराती रहे मांग मेरी सदा
जाऊ साजन के कानधो पे होके विधा
चाँद जैसे चौथ का मेरा बालमा

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