
पता नही जी भोला क्या नशा करता है
अपने भगतो से ये वफा करता है
जब नाम लिया मैंने भोले नाथ का
काम मेरा वोही तो करदा
कदे भांग पिए कदे चिलम पीये
भोला मेरा मस्त मलंगा
बम बम भोले भोले बम बम भोले भोले।।
पता नही जी भोला क्या नशा करता है
अपने भगतो से ये वफा करता है
दुःख के सारे अब तो मेरे दिन चले गए
जब से भोला मेरा मेरे दिल में वसता है
नही जानता ये मेरी ये कहानी कोई
मेरे भोले जैसा जग में वरदानी न कोई
भोला करता है काम सब भगतो का
जो भी भोले का हुका भरता
कदे भांग पिए कदे चिलम पिए
भोला मेरा मस्त मलंगा।।
जो बम बम गाये गा भोले को मनायेगा
भोला इतना भोला उसे अपना बनायेगा
इक लोटा जल का जो भोले पे चडायेगा
जो मन में ईशा हो उसे वो मिल जायगा
मेरे भोले की अमर कहानी वोही
सोने की लंका रावन को दान में देई
बसमा सुर को ऐसा वरदान दे दिया
जिस के सिर पे हाथ धरे वो ही मरदा
कदे भांग पिए कदे चिलम पिए
भोला मेरा मस्त मलंगा।।