
कब तक रहोगे सँवारे यूं दूर हम से
मिलना पड़ेगा आपको एक दिन जरूर हम से
क्यों नहीं देते तुम हमे दर्शन का मौका
केहदो अगर हुए है हमसे कोई खता।।
जब जब मन ये गबराता है
मिलता न साथ में कोई
तुही मेरा सब कुछ तू ही मेरी यारी
यही अरदास है मेरी।।
तुझ बिन जीना पाऊ मैं बाबा
कभी भी न रूठना तू मुझसे।।
सब को दिया है तुम ने सहारा आस लगाऊ
मैं तुम से ओ बाबा मेरे
अर्जी सुनो अब मेरी ओ बाबा मेरे
विनती सुनो अब मेरी ।।
संवारे का एहसान हमेशा दिल में जिन्दा रहेगा
तेरे दर सा प्यार कही न मुझ्को और मिलेगा
भूल से भी कोई बुल हुई हो तो बाबा तू उसे बुला देना
इक वारी गले से लगा लेना
अर्जी सुनो अब मेरी ओ बाबा मेरे
विनती सुनो अब मेरी।।
जब जब मन ये गबराता है
मिलता न साथ में कोई
तुही मेरा सब कुछ तू ही मेरी यारी
यही अरदास है मेरी।।