
शेरोवाली मैया के आये नवराते
घर घर में होने लगे माँ के जगराते
तेरे उचे पहाड़ मेरी माँ उचे पहाड़ चमकदार मेरी माँ
कटरे का सज गया दरबार मेरी माँ
पर्वतों में सजा दरबार मेरी माँ।।
उचे उचे पर्वत है लम्बे है रस्ते
दर पे तेरे आयेगे हम हस्ते हस्ते
बोलेगे तेरी जय जय कार मैया
सुंदर सजा है दरबार मेरी माँ
कटरे का सज गया दरबार मेरी माँ
तीन पिंडीयो में बसी माँ शेरोवाली
इक माता सरस्वती एक माता काला
लक्ष्मी माँ भरे भण्डार मेरी माँ
पर्वतो में सज गे दरबार मेरी माँ
कटरे का सज गया दरबार मेरी माँ।।
पंकज के घर तुने भगियाँ सजा दी
पेरिस पंशुल पंकज की किस्मत जगा दी
लिखती शिवाणी सेवादार मेरी माँ
पर्वतों में सज गया दरबार मेरी माँ
कटरे का सज गया दरबार मेरी माँ।।