मेरा भोला भंडारी देखो नित नित भंग जुटावे से

मेरा भोला भंडारी देखो नित नित भंग जुटावे से,
मेरा भोला भंडारी देखो भर के चिलम लगावे से।।

डम डम डमरू देखो बाजे हाथो में त्रिशूल विराजे
सर्पण की माला गल देखो तन पे भस्म लगावे से।।

जटा में गंगा पी को विराजे माथे चंदा चम चम साजे,
नंदी की सवारी भोले ने देखो बड़ी सुहावे से।।

मैं मेहला में रेहने वाली भोला वन में रेहने वाला
तेरी भोली सूरत देख भोले चित का चैन चुरावे से
मेरा भोला भंडारी देखो नित नित भंग जुटावे से।।

https://www.youtube.com/watch?v=szDgpFRlv_U

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