
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी,
ब्याह भोले नाथ जी के संग में करुँगी,
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी।।
जैसा भी बनाये रूप मैं न डरूंगी,
चरणों की धुल से मैं मांग भरूंगी,
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी।।
जंगल बिया बान में भी मैं ना डरूंगी,
मैं तो प्राण नाथ जी के संग रहूंगी,
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी।।
अपने स्वामी जी की मैं तो सेवा करुँगी,
चरणों में शीश मैं तो उनके धरूंगी,
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी।।
चाहे जितनी बार माता जियु मरूंगी
वरके भोले नाथ को पार करनी
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी।।
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी,
ब्याह भोले नाथ जी के संग में करुँगी,
मानो न मैया मैं शिव को वरूँगी।।