भक्तो फूलो की बरसात करो

भक्तो फूलो की बरसात करो
दर्शन देने माँ झंडे वाली आई है
झंडे वाली का दर्श निराला है
कण कण में ज्योत समाई है
भक्तो फूलो की बरसात करो।।

जो भी माँ की महिमा गाते है
वो मन की मुरादे पाते है,
जिस मन में माँ वसे माँ की मूरत
उस ने ही जन्नत पाई है
भक्तो फूलो की बरसात करो।।

उचे आसन पे बिराजे माँ
तू ही लाल चोले में साजे माँ
मेरी मैया की शान निराली है
सारी दुनिया ही रोशनाई है
भक्तो फूलो की बरसात करो।।

माँ का दरबार दिल्ली में
बड़ी रेहमत बरसे दिल्ली में
दिलशाद जो पीते चरनामित
उसने ही जन्नत पाई है
भक्तो फूलो की बरसात करो।।

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