
लोहे का त्रिशूल कमंडल पीतल का
रूप सुहाना लागे भोले बाबा का।।
तुम को जब जब देखू भोले जटा पे गंगा देखो विराजे,
लोहे का तिरशूल कमंडल पीतल का
रूप सुहाना लागे भोले बाबा का।।
तुम को जब जब देखू भोले माथे पे चंदा है साजे,
लोहे का तिरशूल कमंडल पीतल का
रूप सुहाना लागे भोले बाबा का ।।
तुम को जब जब देखू भोले हाथ में डमरू तुम्हारे साजे,
लोहे का त्रिशूल कमंडल पीतल का
रूप सुहाना लागे भोले बाबा का।।