
मोहे लगन लागी बस कान्हा तेरे नाम की
कान्हा तेरे नाम की श्याम घनश्याम की
मुरली की धुन यूँ सुनाते ही रहना
अपनी कृपा यूँ बनाये ही रखना
मोहे लगन लागी……………..
यमुना किनारे गइयाँ चरावे
गोपियन के संग में रास रचावे
राधा रानी को पल पल रिझावे
अधरन पे मीठी मुस्कान छावे
मंद मंद मुस्की पे जाऊं पलिहार के
कान्हा तेरे नाम की श्याम घनश्याम की
मुरली की धुन यूँ सुनाते ही रहना
अपनी कृपा यूँ बनाये ही रखना
लोक लाज मेरा सब कुछ बिसरानी
भक्ति में खो गयी प्रेम दीवनी
जोगन हो गयी वो छोड़ राजधानी
विष का प्याला पी गई अमृत सामान्य
प्रेम ज्योत जली मन में जो घनश्याम की
कान्हा तेरे नाम की श्याम घनश्याम की
मुरली की धुन यूँ सुनाते ही रहना
अपनी कृपा यूँ बनाये ही रखना
रज्ज वृन्दावा की मथुरा की पावन
जो दर्श तेरा एक मन भावन
कान्हा तेरी लगन में हम हो गए निहाल
भक्ति में खो गया राज बेहाल
निसदिन मैं गाउन महिमा तेरे गुणगान की
कान्हा तेरे नाम की श्याम घनश्याम की
मुरली की धुन यूँ सुनाते ही रहना
अपनी कृपा यूँ बनाये ही रखना