
इतनी भक्ति मुझे दे दो बाबा तेरे चरणों की सेवा करूँ मैं
चाकरी में ही मन ये मगन हो माया के जाल में ना घिरुं मैं
इतनी भक्ति मुझे दे दो बाबा तेरे चरणों की सेवा करूँ मैं
दूर हो झूठी दुनिया के फंदे बस तेरे प्रेम की रौशनी हो
तुमको सोचूं तुम्हे ही निहारूं श्याम ऐसी मेरी ज़िन्दगी हो
बैर हो ना तेरा तो किसी से ना कपट के जगत में फिरूं मैं
चाकरी में ही मन ये मगन हो माया के जाल में ना घिरुं मैं
इतनी भक्ति मुझे दे दो बाबा तेरे चरणों की सेवा करूँ मैं
मैं ना सोंचू मिला क्या मुझे है देने की ही मेरी भावना हो
शीश देकर है तूने बताया दान की सदा कामना हो
अपनी करुणा से मुझको भिगा दे तेरी करुणा से दामन भरूँ मैं
चाकरी में ही मन ये मगन हो माया के जाल में ना घिरुं मैं
इतनी भक्ति मुझे दे दो बाबा तेरे चरणों की सेवा करूँ मैं
सांवरे तू पकड़ ले ये बाहें सत्य मारग पे मुझको चला दे
दास चोखानी को प्यारे कान्हा प्रेम की दो ही बूंदे पिला दे
तेरे सेवक की अर्ज़ी ये ही है शीश तेरे चरण में धरूँ ,मैं
चाकरी में ही मन ये मगन हो माया के जाल में ना घिरुं मैं
इतनी भक्ति मुझे दे दो बाबा तेरे चरणों की सेवा करूँ मैं