
ऐ श्याम तेरी मुरली की क़सम,
हम तुमसे मुहब्बत कर बैठे,
तेरी बाँकी अदा पर ए मोहन,
दिल हम तो अपना दे बैठे,
ऐ श्याम तेरी मुरली की क़सम,
हम तुमसे मुहब्बत कर बैठे।।
हमने ये सुना तू छलिया है,
और सबको छलता रहता है,
तुम वादा करके नहीं आए ,
हम अपनी जान गँवा बैठे,
ऐ श्याम तेरी मुरली की क़सम,
हम तुमसे मुहब्बत कर बैठे ।।
मेरा यार भी तू दिलदार भी तू ,
मेरा प्यार भी तू सरकार भी तू ,
में तेरी दीवानी हो बैठी,
तुम मेरे दीवाने हो बैठे,
ऐ श्याम तेरी मुरली की क़सम,
हम तुमसे मुहब्बत कर बैठे।।
ये माना कि हम तेरे क़ाबिल नहीं,
इस पर भी तू कोई ग़ैर नहीं,
तुम चाहो तो इंसाफ़ करो,
हम तेरे बिन सब खो बैठे,
ऐ श्याम तेरी मुरली की क़सम,
हम तुमसे मुहब्बत कर बैठे।।