
मैने तेरे भरोसे घनश्याम
सागर में नैया डार दई।।
अरे काहे की तो नाव बनाई काहे की पतवार,
जाने काहे की लगी जंजीर,
सागर में नैया डार दई।।
मैने तेरे भरोसे घनश्याम
सागर में नैया डार दई।।
राम नाम की तो नैया बनाई
भक्ति की पतवार।
हो जामे लगायी ज्ञान की जंजीर
हो जामे लगायी ज्ञान की जंजीर
सागर में नैया डार दई।
मैने तेरे भरोसे घनश्याम
सागर में नैया डार दई।
कौन नाव में बैठनहारे कौन है खेवनहार
कौन नाव में बैठनहारे कौन है खेवनहार
हो रामा जाको कौन लगावे बेड़ा पार
हो रामा कौन लगावे बेड़ा पार
सागर में नैया डार दई।।
मैने तेरे भरोसे घनश्याम
सागर में नैया डार दई।
सीता मैया बैठन हारे लक्ष्मण खेवनहार।
हो जाको राम जी लगावें बेड़ा पार
हो जाको श्याम जी लगावें बेड़ा पार
सागर में नैया डार दाई।
मैने तेरे भरोसे घनश्याम
सागर में नैया डार दई।
भक्ति की चुनरिया ओढ़ के
में तो जाऊं श्याम के पास।
हो मेरो जन्म सफल है जाय
सागर में नैया डार दई।।
मैने तेरे भरोसे घनश्याम
सागर में नैया डार दई।।