आओ भक्तों चलो चले खाटू नगर

आओ भक्तों आओ भक्तों चलो चले खाटू नगर,
श्याम के घर आओ भक्तों आओ भक्तों,
चलो चले खाटू नगर श्याम के दर।।

मेरा मन मचला जाए प्रीत ना जाए,
फागण का मेला कहीं छूट ना जाए,
आओ भक्तों आओ भक्तों,
चलो चले खाटू नगर श्याम के दर।।

पल पल हर पल याद तेरी तड़पाती है,
मैं जागू तो नींद तुम्हे,ना आती है,
पुरे साल ये इन्तजार ही रहता है,
कब आएगा फागण मन ये कहता है,
ये दूरी अब दोनों से सही नहीं जाए,
फागण का मेला कहीं छूट ना जाए,
आओ भक्तों आओ भक्तों,
चलो चले खाटू नगर श्याम के घर।।

आए जो फागण तो बाबा बीते ना,
तेरे तो बस में होगा इसे रोको ना,
क्यों ये फागण इतनी जल्दी जाता है,
भीगी पलकों के यादें रख जाता है,
“राज” प्रेमियों संग अरज लगाए,
फागण का मेला कहीं छूट ना जाए,
आओ भक्तों आओ भक्तों,
चलो चले खाटू नगर श्याम के घर।।

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