
अब थाम लो कन्हैया ये हाथ तुम हमारा
आया शरण में तेरी होकर के बेसहारा
अब थाम लो कन्हैया…………..
मेरा ना कोई साथी अपना मुझे बना लो
रोया बहुत हूँ बाबा तुम ही गले लगा लो
साथी बनो ना मेरे दे दो मुझे सहारा
आया शरण में तेरी होकर के बेसहारा
अब थाम लो कन्हैया…………..
तुम ना सुनो तो मेरी जाके किसे बताऊँ
आंसू ये मेरे बाबा जाकर कहाँ चढ़ाऊँ
कैसे रुकेगी बाबा आँखों की अश्रु धरा
आया शरण में तेरी होकर के बेसहारा
अब थाम लो कन्हैया…………..
पापी हूँ मानता हूँ अज्ञानी हूँ प्रभुवर
तेरी शरण में आया अपराध को क्षमा कर
चलता है दर से तेरे हम जैसों का गुज़ारा
आया शरण में तेरी होकर के बेसहारा
अब थाम लो कन्हैया…………..
करुणा के तुम हो सागर करुणा ज़रा दिखाओ
आशीर्वाद अपना थोड़ा सा तुम भी लुटाओ
हारे हुओं का बाबा तुम ही बनो सहारा
आया शरण में तेरी होकर के बेसहारा
अब थाम लो कन्हैया…………..