बाबा जी नैण रसीला जो अमृत का प्याला जी

नैन रसीला श्याम का
नैनो से जादू करता है
जो नैन मिला ले श्याम से
फिर वो श्याम ही श्याम करता है।।

बाबा जी नैण रसीला जो अमृत का प्याला जी
म्हारा सांवरिया सरदार म्हारे हिवड़े रा हार
थारी म्हारी बहुत पुरानी यारी जी गोपाल।।

बाबा जी मोर मुकुट नख बेसर कुण्डल सोहे जी
थारो सुवा श्रृंगार लेवा नजर उतार
म्हे तो थारे चरणों रा प्रेम पुजारी जी गोपाल ।।

बाबा जी नैण रसीला जो अमृत का प्याला जी
म्हारा सांवरिया सरदार म्हारे हिवड़े रा हार
थारी म्हारी बहुत पुरानी यारी जी गोपाल।।

बाबा जी जादू गारी हंसी से चित्तचोरी जी
हुए कालिजिये रे पार दिन सुरता बिसार
वेगा आकर सुध बुध लीजो म्हारी जी गोपाल।।

बाबा जी नैण रसीला जो अमृत का प्याला जी
म्हारा सांवरिया सरदार म्हारे हिवड़े रा हार
थारी म्हारी बहुत पुरानी यारी जी गोपाल।।

बाबाजी श्याम बहादुर चरण शरण में आयो जी
थे तो सुनलो पुकार लेवो थाम पतवार
थारो सु मैं अर्ज गुजारी मुरारी जी गोपाल।।

बाबा जी नैण रसीला जो अमृत का प्याला जी
म्हारा सांवरिया सरदार म्हारे हिवड़े रा हार
थारी म्हारी बहुत पुरानी यारी जी गोपाल।।

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