बचपन निकल गया जवानी चली गयी

बचपन निकल गया जवानी चली गयी
जिंदगी रे कीमती निशानी चली गयी

वो लाड़ीरो पानी वो खेजड़ वाली छाया
ज्यों ज्यों उम्र बड़ी आगे सब रिश्ता हुआ पराया
दानी नानी री वो कहानी चली गयी

बचपन निकल गया जवानी चली गयी
जिंदगी रे कीमती निशानी चली गयी

जिन हाथ री मार थी मीठी जिन आँचल रो साया
पाल पास कर बड़ा किया वो अपना फर्ज निभाया
बाबाजी जग छोड्यो माँ भी चली गयी
जिंदगी रे कीमती निशानी चली गयी

बचपन निकल गया जवानी चली गयी
जिंदगी रे कीमती निशानी चली गयी

1 thought on “बचपन निकल गया जवानी चली गयी”

  1. छोटू भैया आप का ये (बचपन चला गया ) भजन सुन कर बहुत कुछ याद आ गाया आप का ये भजन और इस के शब्द दिल छु गए?

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