भोले के दर से सबकुछ मिला

मुकद्दर मेरा बन ही गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला,
मन का अँधेरा मिट सा गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

जीवन मेरा बन ही गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

नाग गले में माथे पे चंदा,
श्रृंगार भष्मा का जटा में गंगा,
पीके विष का प्याला नीलकंठ भया,
भोले के दर से सबकुछ मिला,
मन का अँधेरा मिट सा गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

दुनिया से हारा वक्त का मारा,
भोले बाबा ने मुझको उबारा,
टूटी थी कश्ती किनारा दिया,
भोले के दर से सबकुछ मिला,
मन का अँधेरा मिट सा गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

दीनदयाल वो दुःख है हरता,
मन की मुरादें पूरी है करता,
नाम प्रभु का जिसने लिया,
उसको भोले ने सबकुछ दिया,
मुकद्दर मेरा बन ही गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

जीवन मेरा बन ही गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

मुकद्दर मेरा बन ही गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला,
मन का अँधेरा मिट सा गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

जीवन मेरा बन ही गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला।।

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