तुम मिले जी गये देखते देखते
ज़ख़्म भी खाया कह नहीं पाया,साहस तक भी मैं कर ना पाया,आज हुआ काया समज न आया,देख मुझे तू जब मुस्काया,दिल के जज्बात काबू में थेसँवारे ये मचल भी गए देख ते देखते।। रोका अश्को को मैंने बड़ा सँवारेये निकल ही गये देख ते देख ते,वो क्या जीना था हम तो मरे ही से थे,तुम … Read more