मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी,कब आओगे बांके बिहारी,कब आओगे बांके बिहारी,कब आओगे रमण बिहारी,मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी।। मैंने जय श्री श्याम लिखा है,तेरे चरणों में प्रणाम लिखा है,मैंने चिठिया पे चिट्ठियां डारी,कब आओगे बांके बिहारी,मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी।। मैंने चिट्ठियां में यह लिख डाला,घर आओ मेरे नंद के लाला,तेरे भक्तों ने बाट निहारी,कब … Read more