कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी Kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Tumhari To Suni Hi Rehti Adalat Tumhari Lyrics मैं रूप तेरे पर, आशिक हूँ,यह दिल तो तेरा, हुआ दीवानाठोकर खाई, दुनियाँ में बहुत,मुझे द्वार से, अब न ठुकरानाहर तरह से तुम्हारा, हुआ मैं तो,फिर क्यों तुमको, … Read more