मेरा शिव शंकर सन्यासी चले नंदी पे कैलाशी
मेरा शिव शंकर सन्यासीचले नंदी पे कैलाशी पीवे बूटी छम छम नाचेजब दम दम डमरू नाथ बजावे सेशिव महिमा गौरा बड़ी मस्कवे सेमेरे शिव शंकर सन्यासी शिव काशी नाथ महादेवकैलाश पर रहता है है तीन लोक का स्वामीसंसार ये कहता है है सरपो की गलमालाकरे मस्तक चांद उजाला जब स्वर्ग से उतरी गंगातो जटा में … Read more