चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार

भोला और गौरा की जोड़ी लगती खूब कमाल
दूल्हा बने है भोले बाबा बजे शहनाई ताल
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार
ब्याहने गोरा को चले नंदी पे असवार
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार ।।

आगे चलते ब्रह्मा विष्णु बीच में शिव भंडारी
पीछे चलती भूतो की टोली अजब न्यारी
भांग धतूरा पीते ये तो करते बहुत कमाल
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार
ब्याहने गोरा को चले नंदी पे असवार
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार ।।

शुक्र शनिचर शंख बजावे नारद वीणा छेड़ी
शिव भोले ने मस्ती में आकर ऐसी दृष्टि फेरी
देवी देवता करते अम्बर से करते है पुष्प बौछार
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार
ब्याहने गोरा को चले नंदी पे असवार
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार ।।

संधू तभी सच्चे मन से शिव की महिमा गले
त्रिलोकी के नाथ भोले बाबा को आज मानले
ऐसी करेगा कृपा हो जाएगा माला माल
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार
ब्याहने गोरा को चले नंदी पे असवार
चले मेरे शिव भोले हो नंदी पे असवार ।।

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