
गणराज मेरे घर आ जाना
मेरे बिगड़े भाग्य बना जाना।।
मेरे बिगड़े भाग्य बना जाना
गणराज मेरे घर आ जाना
मेरे बिगड़े भाग्य बना जाना।।
तेरी राह में पलक बिछाऊँगी
और भवन सजाऊँ फूलों से
गौरी के लाला आ जाना
मेरे बिगड़े भाग्य बना जाना ।।
तेरा मुखड़ा सुंदर सलोना है
मेरें मन ने तुझे बस जाना है
भोले के दुलारे आ जाना
मेरे बिगड़े भाग्य बना जाना ।।
चंदन चौकी पे बिठाऊँगी
मोदक का भोग लगाऊँगी
मेरे देव प्रभु तुम आ जाना
मेरे बिगड़े भाग्य बना जाना।।