हार को अपनी भूल गया प्रभु जबसे तेरा साथ मिला

हार को अपनी भूल गया प्रभु जबसे तेरा साथ मिला
मेरा दामन थाम लिया मुझे सर पे तेरा हाथ मिला
श्याम शेरी श्याम ……..श्याम श्री श्याम ……….
श्याम श्री श्याम ………जय जय श्याम।।

सूना पड़ा था जीवन मेरा तूने ही गुलज़ार किया
तेरे दर से इतना मिला मुझे तूने इतना प्यार दिया
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है जो बिन मतलब के साथ चला
हार को अपनी भूल गया प्रभु जबसे तेरा साथ मिला ।।

जब जब मैंने याद किया तुझे जो माँगा वो पाया है
मेरे दुःख को हल्का करके सर पे हाथ फिराया है
इस नालायक दीं को दाता तुम सा दीनानाथ मिला
हार को अपनी भूल गया प्रभु जबसे तेरा साथ मिला ।।

मेरे इक इक आंसू को प्रभु हीरे सा तूने मोल दिया
मेरी औकात से बढ़कर तूने प्यार में अपने तोल दिया
पंकज तुझसे क्यों न मांगे रेहमत का तेरे सिलसिला ।।

हार को अपनी भूल गया प्रभु जबसे तेरा साथ मिला
मेरा दामन थाम लिया मुझे सर पे तेरा हाथ मिला।।

https://www.youtube.com/watch?v=Q_Q-A0EIccc

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