हे भगवान हम अज्ञान कैसे ध्यान करे तेरा

हे भगवान हम अज्ञान कैसे ध्यान करे तेरा
ऐसी कौन से कर्मा करे जो साथ मिल जाए तेरा
हे भगवान हम अज्ञान।।

ये दुनिया का मेला भटक मैं जाऊँ ना
रहे बहुत सी है कही खो जाऊं ना
हूँ अकेला इस भीड़ में दिल ये घबराये मेरा
ऐसी कौन से कर्मा करे जो साथ मिल जाए तेरा
हे भगवान हम अज्ञान।।

तुमसे ही होती है सुबह और शाम यहाँ
तेरे बिन ना होता कोई भी काम यहाँ
तेरी ही तो छाया में ये खिल जाए जीवन मेरा
ऐसी कौन से कर्मा करे जो साथ मिल जाए तेरा
हे भगवान हम अज्ञान।।

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