हो अगर रहमत जो तेरी साँवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा
दूर सब कोई नही है पास में
यूँ अकेले दम मेरा घुट जाएगा
मैं आया था ज़माने में तेरे सुमिरन का वादा था
मैं आया था ज़माने में तेरे सुमिरन का वादा था
जा बैठा स्वार्थ की महफ़िल पाप अभिमान ज्यादा था
भूलकर के श्याम तेरी बंदगी
चैन मेरे दिल को कैसे आएगा
हो अगर रहमत जो तेरी सांवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा
बड़ी बेदर्द है दुनिया भरोसा क्या करू इस पर
बड़ी बेदर्द है दुनिया भरोसा क्या करू इस पर
हमेशा साथ था जिसके वहीँ से आ रहे पत्थर
रहम कर दो मेरे मन पे सँवारे
छोड़के कही और फिर ना जाएगा
हो अगर रहमत जो तेरी सांवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा
सुना है श्याम तू भटकों को मंजिल से मिलाता है
सुना है श्याम तू भटकों को मंजिल से मिलाता है
पौंछकर दीन के आँसू गले अपने लगाता है
मुझपे भी कर दो कृपा की बारिशें
ये मुकेश तेरा ही गुण गायेगा
ये भक्त तेरा ही गुण गायेगा
हो अगर रहमत जो तेरी साँवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा
दूर सब कोई नही है पास में
यूँ अकेले दम मेरा घुट जाएगा