
जग में कौन किसी का
Jag Me Kon Kisi Ka Sadho
जग में कौन किसी का साधो,
जग में कौन किसी का,
बनी बनी के सब है़ साथी,
कोई नही बिगड़ी का,
जग में कौन किसी का।।
दुख में भी प्यारे सदा मुस्कुराना
रोने वालो पे हँसता जमाना,
दुख में भी प्यारे सदा मुस्कुराना
रोने वालो पे हँसता जमाना।।
आंख में आँसू के बदले
भर ले सागर मस्ती का
जग में .कौन किसी का साधु
जग में .कौन किसी का।।
कर्म ही सबको हंसाता रुलाता,
कर्म ही बन्धु उठाता गिराता,
कर्म ही सबको हंसाता रुलाता,
कर्म ही बन्धु उठाता गिराता।।
बोझ उठाले ख़ुद ही
अपने कर्मो की गठरी का
जग में .कौन किसी का साधु
जग में .कौन किसी का।।
सुन्दरलाल तो ये कहता रहेगा,
किसी का वजूद न सदा रहेगा,
सुन्दरलाल तो ये कहता रहेगा,
किसी का वजूद न सदा रहेगा।।
सब कुछ मिट जाता पर
मिटता नही है़ नाम हरि का,
जग में कौन किसी का साधो
जग में कौन किसी का ।।
जग में कौन किसी का साधो
जग में कौन किसी का
बनी बनी के सब हैं साथी
कोई नही बिगड़ी का
जग में किन किसी का।।
सिंगर – श्री सुन्दरलाल जी
Jag Me Kaun Kisi Ka Sadho
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