जैसा चाहो मुझको समझना

जैसा चाहो मुझको समझना,
बस इतना ही तुमसे कहना,
मांगने की आदत जाती नहीं,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं,
जैसा चाहो मुझको समझना,
बस इतना ही तुमसे कहना।।

बड़े बड़े पैसे वाले भी,
तेरे द्वारे आते हैं,
मुझको हैं मालुम की वो भी,
तुझसे मांग के खाते हैं,
देने में तु घबराता नहीं,
देने में तु घबराता नहीं,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं,
जैसा चाहो मुझको समझना,
बस इतना ही तुमसे कहना।।

तुमसे बाबा शरम करूं तो,
और कहां मैं जाऊंगा,
अपने इस परिवार का खर्चा,
बोल कहां से लाऊंगा,
दुनिया तो बिगड़ी बनाती नहीं,
दुनिया तो बिगड़ी बनाती नहीं,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं,
जैसा चाहो मुझको समझना,
बस इतना ही तुमसे कहना।।

https://www.youtube.com/watch?v=3uMJnE0Xg6s

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