कर भजन हर श्वास रे मन तू

कर भजन हर श्वास रे मन तू
कर भजन हर श्वास रे
हो थारो जीवन बणग बड़ो खास रे
मन तू कर भजन हर श्वास रे।।

लख चौरासी का फेरा जो खायो
जब जाई न तुन नर तन पायो
आयो अवसर थारा पास रे
मन तू कर भजन हर श्वास रे।।

पांच तत्व की या काया बणाई
तिन गुण की एम डोर लगाई
अब कर भजन की आस रे
मन तू कर भजन हर श्वास रे।।

नाम बिना तो थारो कोई नी संगाति
या माया तो भाई आती जाती
नही रहण की थारा पास रे
मन तू कर भजन हर श्वास रे।।

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