खाटू के श्याम बिहारी तेरी महिमा है भारी

खाटू के श्याम बिहारी
तेरी महिमा है भारी
जो भी दर तेरे आया
उसकी किस्मत सवारी
हारे का तू है सहारा,भक्तों का पालनहारा
तेरे गुण गाती बाबा,दुनिया ये सारी

खाटू में दरबार लगा के,बैठा शीश का दानी
तू तो,देव बड़ा ही निराला
जिसने तुझसे माँगा बाबा,उसको पल में दिया है
तू है,बिगड़ी बनाने वाला
जिसने ध्याया तुझे,जिसने चाहा तुझे – 2
हो उसका तू हो गया झट से,कृष्ण मुरारी
खाटू के श्याम बिहारी….

सजधज के तुम बैठे मंदिर,जोत है जगती
जिसके अंदर
नित लगते जयकारे
फागुन में जो द्वार पे आते,तुझको निशान चढ़ाते
उनके संकट कटते सारे
रोता आए जो,हँसता जाए वो
उसके तो मन में बस गए,तुम गिरधारी
खाटू के श्याम बिहारी….

मैं तो तेरे दर का भिखारी,तेरे आगे झोली पसारी
खुशियों से भर दो दामन
“रूबी रिधम” तेरी महिमा गाते,हर ग्यारस पे खाटू आते
रहियो तू उनके मन
मैं हूँ दास तेरा,तू है श्याम मेरा
हो सेवा में रख लो मुझको,बाँके बिहारी
खाटू के श्याम बिहारी….

Leave a Comment