क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम
हमे मंदिर बुलाये ना
मेरा मन प्यासा रह जाये
जो दर्शन जो तेरे पाए ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम।।
बढ़ा जो पाप घेरा
तो तूने सबसे मुँह फेरा
प्रभु भक्ति भूला जग
तो बरपा अब कहर तेरा
घडी ऐसी है संकट की
करीब अपने भी आये ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम
हमे मंदिर बुलाये ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम।।
हम बालक तेरे है नादान
ना तुझसे जग में कोई महान
करोना माफ़ कहता है
अब रो रो कर ये सारा जहाँ
सरन लेलो हमे बाबा
सही दूरी अब जाए ना।।
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम
हमे मंदिर बुलाये ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम।।
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम
हमे मंदिर बुलाये ना
मेरा मन प्यासा रह जाये
जो दर्शन जो तेरे पाए ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम।।