बहलाये फुसलाये ललचाये
भरमाये हो जात
प्रीत न बूझे सोना चाँदी
प्रीत ना दूजी बात ।।
सोना लेलो ऐ उधो तुम
चाँदी लेलो ऐ उधो तुम
लौटा दो मेरा संवारा
लौटा दो मेरा संवारा
कमली वाले की खातिर
मन भयो बावरा
लौटा दो मेरा संवारा
लौटा दो मेरा संवारा।।
हे उधो श्याम से जाकर कहियो
बिसरे होये पल बिन मन से।।
अपना ज्ञान रखो तुम अपने
हमको भये श्याम के सपने
वृन्दावन लेलो ऐ उधो
लौटा दो मेरा संवारा
लौटा दो मेरा संवारा।।
गति से निकसो वृन्दावन से
झगरो हो जइयो तुम से।।
रात रात जागे नैना हमारे
श्याम आवन की राह निहारे
गोद लेलो हे उधो तुम
गजधर लेलो उधो
लौटा दो मेरा संवारा
लौटा दो मेरा संवारा।।
सोना लेलो ऐ उधो तुम
चाँदी लेलो ऐ उधो तुम
लौटा दो मेरा संवारा
लौटा दो मेरा संवारा।।