मैं हूं बृजबाला, तू है ग्वाला रे सांवरिया,
काहे करे छेड़कानी काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया ओ सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला, तू ग्वाला रे सांवरिया,
मोहे मटकी दिखाई दे माखन मिश्री खिलाई दे,
राधा गुजरिया राधा गुजरिया,
मैं हूं बृजबाला, तू है ग्वाला रे सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला ।।
होगा तू नंदबाबा का लाला,
मैं हूँ लाली वृषभानु की,
सुनो राधिका मत इतरावे,
पारी नहीं तू आसमान की ,
करता है चोरी तू बरजोरी,
शकल तेरी बेईमान की ,,
काहे मति मारी है,
तुम्हारी रे सांवरिया,
काहे करे छेड़ कहानी,
काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया ओ सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला, तू है ग्वाला रे सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला ।।
सुन कान्हा मेरी ऊँची हवेली,
टूटा है तेरा मकान रे,
घर में हमारे है लाखो गैया,
मत कर अभिमान रे,
छाछ बिना जी बंसी बजावे,
बनता है धनवान रे,
उंगली मरोड़ी काहे फोड़ी रे गगरिया,
काहे करे छेड़कानी,
काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया ओ सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला, तू है ग्वाला रे सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला ।।
ठाट देखने हो जो हमारे आजइया,
देख झोपड़ी छप्पर की,
बैठान की नहीं छाव रे,
बोल तो राधा एक बार तू,
बांग्ला छावा दू इसी ठाव रे,
सीखी मत झारे,
सीखी मत झारे बिक जाएगी झोपड़िया,
ओ सांवरिया ओ सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला, तू है ग्वाला रे सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला ।।
मैं हूं बृजबाला, तू ग्वाला रे सांवरिया,
काहे करे छेड़कानी काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया ओ सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला, तू ग्वाला रे सांवरिया,
मोहे मटकी दिखाई दे माखन मिश्री खिलाई दे,
राधा गुजरिया राधा गुजरिया,
मैं हूं बृजबाला, तू है ग्वाला रे सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला ।।