मैंने खत एक श्याम के नाम लिखा

अश्कों की बूंदों से ग़म की कलम से
जो हैं ज़रूरी काम लिखा
मैंने खत एक श्यामके नाम लिखा
श्रद्धा के शब्दों से साँसों की सरगम से
मीरा सा एक पैगाम लिखा
मैंने खत एक श्याम के नाम लिखा ।।

दुनिया में है कौन ऐसा दिल की सुने मेरी बातें
हालात अपने सुनाऊँ तो सब हंसी हैं उड़ाते
खत में दिल के हर ज़ख्म है नैना जिसमे दुःख से नम हैं
इसमें पता खाटू धाम लिखा
मैंने खत एक श्याम के नाम लिखा ।।

दुनिया ने ताने सुनाये जब वक़्त ने मुझको मारा
होता रहा दूर मेरी कश्ती से हर पल किनारा
देख कर भी ना दिखा क्या पढ़ लो इसमें है लिखा क्या
कर्मो का अंजाम लिखा
मैंने खत एक श्याम के नाम लिखा ।।

छिप छिपकर सभी से चिट्ठी लिखी है कन्हैया
मन जानता हूँ भवर से कर देगा तू पार नैया
बेधड़क पे कर कृपा दे रास्ते बस तू दिखा दे
बस आखिरी में प्रणाम लिखा
मैंने खत एक श्याम के नाम लिखा।।

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