मैया सपनों में आती क्यों नहीं

मैया सपनों में आती क्यों नहीं,
प्यारी सुरत दिखाती क्यों नही।।

तेरे मंदिर में माँ हम आ गए,
हमें दर्शन दिखाती क्यों नहीं,
हो मैया सपनों में आती क्यों नही।।

तेरी चुनरिया लाए तारो जड़ी,
तेरे मन को लुभाती क्यों नही,
हो मैया सपनों में आती क्यों नही।।

टीका हम लाए हीरों जड़ा,
इसको माथे लगाती क्यों नही,
हो मैया सपनों में आती क्यों नही।।

माता तो कुमाता ना होता,
हमें चरणों में बिठाती क्यों नहीं,
हो मैया सपनों में आती क्यों नही।।

भूल हमसे कौन सी हो गई,
मेरी गलती बताती क्यों नही,
हो मैया सपनों में आती क्यों नही।।

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