मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है

मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है
तेरी सूरत को माँ मैंने दिल में बसाया है
चाँद और तारो से धरती के नजारो से
आसमान के तारो से तेरा भवन सजाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है।।

कोयल कू कू बोले मेरा मन यूं बोले
आत्मा का तन डोले और मन हर्षाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है।।

मैया अब ना करो देरी जो भक्ति करे तेरी
जो भी शरण आया तूने अपना बनाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है।।

मैया महिमा तेरी न्यारी देखो फूलो से सजी है प्यारी
आसमान के तारो से तेरा भवन सजाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है।।

पान सुपारी नारियल तेरी भेट चढ़ाउंगी
हलवे चने का मैया तेरा भोग लगाउंगी
आसमान के तारो से तेरा भवन सजाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है
दर्शन दे दो मैया भक्तो ने बुलाया है ।।

मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है
जिसने भी नजर डाली भक्ति में समाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है।।

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