जब ये तकदीर रूठ जाती है
किश्मत भी साथ छोड़ जाती है
मिन्नतें करते है तुमसे सँवारे
एक आस तुझमे नजर आती है
जय जय श्याम जय जय श्याम
जय जय श्याम जय जय श्याम
मेरे बाबा से अर्जी लगाओ
खाटू वाले से अर्जी लगाओ
तू सुनेगा तुझे मैं सुनाऊ
तेरे होते मैं क्यों हार जाऊ
तू सुनेगा तुझे मैं सुनाऊ
गम की आंधी ये कैसी चली
धुंद ली हो गई हर कली
तेरी चोकठ पे बाबा खड़ी
झोलियाँ तुम ने सब की भरी
दिल के छाले तुम्हे मैं दिखाऊ
तू सुनेगा तुझे मैं सुनाऊ
माना किसमत में कुछ न लिखा
करदो थोड़ी तू मुझपे किरपा
आज करामात अपनी दिखा
बाबा करती हु तुम से गिला
लिखा किस्मत का कैसे मिटाऊ
तू सुनेगा तुझे मैं सुनाऊ
तेरे दरबार आती रहू तेरे
दर्शन को पाती रहू
बस इतनी सी अर्जी मेरी
अब तो सुन लो प्रभु मेरी
तेरा दर छोड़ के अब न जाऊ
तू सुनेगा तुझे मैं सुनाऊ
नाम तेरा ये राखी रटेगे
आज तुझको ये पाके हटे गी
हारे गी न ये बाबा यकीन है
आज तुज्को मना के रहेगी
अन्सुयो में मैं खुद को डूबाऊ
तू सुनेगा तुझे मैं सुनाऊ