मेरे मन मधुबन में आ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
ओ वृन्दावन रेहन वालिया
मीठी मुरली दी तान सुना
ओ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
मेरे मन मधुबन में आ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
मीठी मुरली दी तान सुना
ओ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
मेरे मन मधुबन में आ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
तक तक रहा नैन भयो बावरे
बोलो रे बोलो कब आओगे सँवारे
इन नैनो की प्यास बुझा
मेरे मन मधुबन में आ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
मीठी मुरली दी तान सुना
ओ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
फागुन बसंत होरी सावन बिताये है
सावन बिताये है सावन बिताये है
मैं कबसे आस लगायी
बैठी मैं कबसे आस लगाए
मेरे मन मधुबन में आ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
फागुन बसंत होरी सावन बिताये है
सावन बिताये है सावन बिताये है
तेरे देखने को कई सपने सजाये है
सपने सजाये है सपने सजाये है
बैठी मैं कबसे आस लगाए हो वृन्दावन रेहन वालिया
मेरे मन मधुबन में आ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
प्रेम का तू सिंधु रस धार है
अनूठी रस धार है
रस पान को मधुप का जिया बेक़रार है
मुझे रस की वो बूँद पीला
हे वृन्दावन रेहन वालिया
मेरे मन मधुबन में आ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
मीठी मुरली दी तान सुना
ओ ओ वृन्दावन रेहन वालिया
#Singer – chitravichitraji maharaj