
ओ ओ मेरी नैया नैया भवर में पड़ी
तुमको आना पड़ेगा हरी
मेरी नैया भंवर में पड़ी तुमको आना पड़ेगा हरी।।
आज विपदा क्यों आन पड़ी
आज विपदा क्यों आन पड़ी
मुझे आकर सम्भालो हरी
मेरी नैया भंवर में पड़ी
तुमको आना पड़ेगा हरी।।
तेरे होते ये क्या होरहा नैया डूबेगी अब लग रहा
मुझको ऐसा क्यों लगता है श्याम
मेरी अर्जी ना तू सुन रहा
अब जरूरत है आन पड़ी
तुमको आना पड़ेगा हरी।।
मेरी नैया भंवर में पड़ी
तुमको आना पड़ेगा हरी।।