मुझे अपनी आदत लगा दे ओ भोले

मुझे अपनी आदत लगा दे ओ भोले,
नहीं तो ये दुनिया बना देगी पापी,
मुझे अपनी छाया में रख ले ओ भोले,
नहीं तो ये दुनियाँ बना देगी माटी,
मुझे अपनी आदत लगा दे ओ भोले।।

खड़ा हूँ शरण मैं ना जाने कब से,
दिखा दे मुझे अपना दर और दिवारी,
खड़ा हूँ शरण मैं ना जाने कब से,
दिखा दे मुझे अपना दर और दिवारी,
दिखा दे मुझे अपना दर औऱ दीवारी,
मुझे अपनी आदत लगा दे ओ भोले।।


मुझे अपनी आदत लगा दे ओ भोले,
नहीं तो ये दुनिया बना देगी पापी,
मुझे अपनी छाया में रख ले ओ भोले,
नहीं तो ये दुनियाँ बना देगी माटी।।

जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।
डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥

पड़ा हूँ मैं माया के गहरे भँवर में,
मिटा दे तू माया ये सारी की सारी,
मुझे अपनी आदत लगा दे ओ भोले,
नहीं तो ये दुनियाँ बना देगी पापी,
मुझे अपनी छाया में रख ले ओ भोले,
नहीं तो ये दुनियाँ बना देगी माटी।।

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