पप्पू की मम्मी चाला आपा भी खाटू चाला

मेला आ गया श्याम धनि का को न देर लगावा
पप्पू की मम्मी चाला आपा भी खाटू चाला ।।

हाथा में निशान उठावा झट पट कर ले तयारी
रंग गुलाल गाल थेले में और लेले पिचकारी
श्याम धनि संग खेला होली और रंग गुलाल उडावा,
पप्पू की मम्मी चाला आपा भी खाटू चाला ।।

आज ख़ुशी का रंग बरसेगा खाटू के मेले में
हम भी झुमा नाचा गावा भगता संग रेले में
श्याम धनि के करके दर्शन फुले नही समावा
पप्पू की मम्मी चाला आपा भी खाटू चाला ।।

इक चूरमे का पिंड बना ले प्योर देसी घी का
सांवरिया भी खुश हो जावे खा के आवे जी सा
अपने हाथा श्याम धनि के कह जा भोग लगावा
पप्पू की मम्मी चाला आपा भी खाटू चाला ।।

भीम सेन कहे ऐसा मोका भार भार न आवे
वो है किस्मत वाला जिसने बाबा श्याम बुलावे
मोना के संग झूम झूम के भजन श्याम के गावा
पप्पू की मम्मी चाला आपा भी खाटू चाला ।।

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