प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए

प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए
प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए
अपने सत्कर्मो से लोगो को सुधारा जाए
प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए।।

प्रभु का बाग़ है जो सींच सको सींचो इसे
अपने दुष्कर्मो से इसको ना बिगाड़ा जाए
अपने दुष्कर्मो से इसको ना बिगाड़ा जाए
अपने सत्कर्मो से लोगो को सुधारा जाए
प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए।।

मारकर खाते हो मरने दो उसे खालेना
मारकर खाते हो मरने दो उसे खालेना
अब किसी जीव को बे मौत ना मारा जाए
अपने सत्कर्मो से लोगो को सुधारा जाए
प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए ।।

देख कर मौसम का रुख मत करो जल्दी बाजी
देख कर मौसम का रुख मत करो जल्दी बाजी
सोच कर नाव को दरिया में उतारा जाए
अपने सत्कर्मो से लोगो को सुधारा जाए
प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए ।।

दाग से बचने का तरकीब किसी दर पढ़ले
देर तक बैठ कर चेहरे को निहारा जाए
अपने सत्कर्मो से लोगो को सुधारा जाए
प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए।।

प्रभु का बाग़ है इसको ना उजाड़ा जाए
अपने सत्कर्मो से लोगो को सुधारा जाए।।

सिंगर – धीरज कांत जी।

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