श्रृंगार प्यारो लागे दरबार प्यारो लागे

Bhajan Lyrics:

श्रृंगार प्यारो लागे दरबार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार सिणगार प्यारो लागे

सर सुन्दर मुकुट सुहाना जो देखे हो दीवाना
ओ सोहे गाल बैजंती हार सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार सिणगार प्यारो लागे

मन को मोहे मतवारीअँखियाँ थारी कजरारी
बनडा बना है लखदातार सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार सिणगार प्यारो लागे

लेकर के नून और राइ थारी नज़र उतारूं कन्हाई
कहता है सारा संसार सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार सिणगार प्यारो लागे

जो देखे छवि तुम्हारी तो भूले दुनिया साड़ी
झूमे होके मगन नर नार सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार सिणगार प्यारो लागे

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