सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
राम बिना मेरे लखन बिना
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
आँगन सून चौक चन्दन बिन
लक्ष्मण बिन ठकुराई
सीता बिना मेरी सूनी रसोइया
ये दुःख सही न जाए
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
राम बिना मेरे लखन बिना
हाय राम बिना मेरे लखन बिना
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
हाथ में बाण धनुष धार कंधे
लक्ष्मण चले पिछाड़ी
बीच में सीता मैया चलत है
देख रही है दुनिया
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
राम बिना मेरे लखन बिना
हाय राम बिना मेरे लखन बिना
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
चौदह बरस भये बनवासी
सावन भादौ बरसे
वृक्ष के नीचे भीगे तीनो
बह रही है पुरवाई
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
राम बिना मेरे लखन बिना
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
ऐसा विपदा पड़ी राम पे
सूना लगे संसार
सीता माई मिल ना पायी
छूटे लक्ष्मण भाई
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
राम बिना मेरे लखन बिना
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
लंका जीत के अयोध्या पहुंचे
घर घर दीप जलाये
सिंहासन पर बैठे राजा राम
शोभा वरणी ना जाये
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना
राम बिना मेरे लखन बिना
सूनी सूनी है अयोध्या मेरी राम बिना