मुझको सम्भालो ना कन्हैया
मुझको सम्भालो ना कन्हैया मुझको सम्भालों नाके जन्मों से प्यासा हूँ मैंमुझको अपना लो ना।। तर्ज – हुस्न पहाड़ों का तुझको ही पूजूँ तुझको ही चाहूँतुझसा ना कोई कहाँ और जाऊँजी चाहता दर पे जीवन बिताऊँजी चाहता दर पे जीवन बिताऊँसेवा में लगा लो ना कन्हैयासेवा में लगा लो नाके जन्मों से प्यासा हूँ मैंमुझको … Read more