ऐसो नहीं है जनम बारम्बार
पूरबले पुण्य पायो रे प्राणी मानुष जनम अवतारऐसो नहीं है जनम बारम्बार।। गरब में तुम कौल कियो रे भूल्यो फिरे गँवारउत्तर काई देवसी रे,साहिब के घर बारऐसो नहीं है जनम बारम्बार।। पूरबले पुण्य पायो रे प्राणी मानुष जनम अवतारऐसो नहीं है जनम बारम्बार।। घटते पल पल बढ़ते छिन छिन,जाता नहीं लागे वारतरुवर से पण गिर … Read more