पर्वत पे बैठी क्या मुस्कुरा रही हो
पर्वत पे बैठी क्या मुस्कुरा रही होभक्तो के दिल अंबे मैया चुरा रही होपर्वत पे बैठी क्या मुस्कुरा रही हो।। तेरा ये मुस्कुराना दिल को करे दीवानाहुमको भवानी मैया यू छोड़ दो सतानाहुमको भी बुला लो सबको बुला रही होपर्वत पे बैठी क्या मुस्कुरा रही हो।। Parvat Pe Baithi Kya Muskura Rahi HoBhakto Ke Dil … Read more