शरण गोपाल की रहकर तुझे किस बात की चिंता

शरण गोपाल की रहकर,तुझे किस बात की चिंता,तू कर चिंतन मगन मन से,न कर दिन रात की चिंता,शरण गोपाल की रह कर।। हुआ था जन्म जब तेरादिया था दूध आंचल में,किया यदि श्याम को भोजनन कर प्रभात की चिंता,शरण गोपाल की रह कर।। वो देते जल के जीवो कोवो देते थल के जीवो को,वो देते … Read more