बैरी बंजारा यूँ बोले

बैरी बंजारा यूँ बोले Bairi Banjara Yun Bole Lyrics आएँगे एक दिन लेने कोयम के उड़न खटोलेबैरी बंजारा यूँ बोले औरों का हित स्वार्थ खा गयासत्य की करके चोरीख़ुद अपने ही गले में बाँधीदुष्कर्मों की डोरी तब तो आँख मूँद ली थीअब मूँह पकड़ कर रो लेबैरी बंजारा यूँ बोले (तर्ज – मिलने की तुम … Read more